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Friday 25 May 2012

खराब नहीं है बीआरटीएस

न्यूज एक्सपोज, इंदौर
वर्तमान में बीआरटीएस का रूप जनता के सामने है, वह खराब नहीं है। बस देखने का नजरिया बदले। 2007 के एबी रोड का यातायात दबाव और वर्तमान में एबी रोड पर बढ़ती वाहनों की संख्या, जरा सोचिए कि अगर इतना ट्राफिक 2007 वाली सड़क पर होता तो क्या हाल होता। हम बीआरटीएस को बेहतर से बेहतर बना रहे है, बस पूरा होने का इंतजार करे। यह बात कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने कही।
पीतम लाल दुआ सभागृह में शुक्रवार को ओम विचार मंच द्वारा बीआरटीएस और हमारी उपेक्षाएं विषय पर एक व्यख्यान माला की पहली श्रंखला का आयोजन किया गया।
आयोजन में शहर के विकास से जुड़े सभी जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाया गया था। सभी अधिकारियों ने बीआरटीएस को लेकर लोगों में फेली भ्रांतियों को दूर करने के कोशिश की और बेहतर बीआरटीएस का सपना पूरा करने वादा दोहराया। पूरे हाल में कुछ एक ही आमजन मौजूद थे, बाकि तो अधिकारी-कर्मचारियों से भी हॉल भरा हुआ था। व्यख्यान में डॉ. दिव्या गुप्ता, अशोक कुमुट आदि मौजूद थे।
राघवेंद्र सिंह, कलेक्टर ने कहा कि अगर हम सभी नियम और कानून नहीं मानेंगे तो बीआरटीएस खराब होना तय है। हमें सिर्फ अपनी कार के बेहतर सड़क के बारे न सोचते हुए लोक परिवहन को तज्जबों देनी होगी। जब में भोपाल में पढ़ाई करता था, तब वहां भटसुअर(टेंपो) चला करते थे, लेकिन हमारे शहर में बेहतर सिस्टम तैयार हो रहा है। इसे बेहतर बनाने में सभी के योगदान की आवश्यकता है। बीआरटीएस के कारण ही शहर की जनता को कई फिडर रोड मिले है। हम अभी परफेक्ट नहीं है, लेकिन कोशिश जारी है। हमने एबी रोड पर टाटा मैजिक, वेन का चलना बंद करना शुरू कर दिया है। अब आरटीओ ने भी कार्रवाई करना शुरू कर दी है।
कृष्णमुरारी मोघे, महापौर ने कहा कि अब समय आ गया है जब लोगों को अपने निजी वाहन का उपयोग कम कर लोक परिवहन का उपयोग करना चाहिए। अभी भी शहर की अधिकांश जनता को बीआरटीएस के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। हम मानते हैं कि जब प्रोजेक्ट तैयार हुआ था, तब कुछ चूक हुई है। कॉरिडोर में 170 लोगों की निजी जमीन आ रही थी, जिसकी किमत करीब 270 करोड़ रुपए थी। इधर प्रोजेक्ट में जमीन का मुआवजा देने का नियम ही नहीं था। लेकिन लोगों ने साथ दिया। सिंतबर माह से कॉरिडोर पर बसे चलना शुरू हो जाएगी।
चंद्रमोली शुक्ला, सीईओ आईडीए  ने कहा कि सभी ने बीआरटीएस को लेकर गलत धारणा बना ली है। लोग अपने निजी वाहनों के लिए सड़क पर जगह देखते है, लेकिन बीआरटीएस लोक परिवहन की दृष्टि से तैयार किया गया है। लोगों ने शुरुआत में कहा कि बीआरटीएस रिंग रोड या हाईवे पर बना लो, लेकिन सबसे ज्यादा आवागमन एबी रोड पर है, इसलिए यहीं बनाया गया। बीआरटीएस के साथ ही अंडरग्राउंड इलेक्ट्रीकल लाइन, सिवरेज लाइन, नर्मदा लाइन भी डाली गई है, वहीं आगामी 34-40 वर्षो के विकास को देखते हुए। इस कारण कार्य पूरा होने में विलंब हुआ है। कईयो ने कहा कि बस स्टाफ पर फुट ब्रिज बना लो, लेकिन यह ठीक नहंी है। यहां फ्लायओवर ब्रिज भी जरूरी नहीं है।  
गौतम सिंह, सीईओ, एआईसीटीएसएल  ने कहा कि हम कई दिनों से सोच रहे थे कि एक मंच आकर लोगों की शंका को दूर करे। अभी 11.5 किमी का बीआरटीएस बनाया गया है, कुल 100 किमी का बीआरटीएस बनाया जाना है। फर्स्ट फेस में 44 किमी का बीआरटीएस बनेगा। बीआरटीएस पर साधारण याताया प्रणाली ही लागू होगी। अभी तक केंद्र सरकार से आईटीसी(इंटेलिजेंट ट्राजिक्ट सिस्टम) 30 करोड़ रुपए नहीं आए है, लेकिन साधारण यातायात प्रणाली ही लागू रहेगी। लेकिन भविष्य में आईटीसी लागू कर दी जाएगी। कॉरिडोर पर चलने वाली बसो में कंडेक्टर नहीं होंगे। बस स्टाफ पर ही टिकटिंग की व्यवस्था रहेगी। 17 करोड़ रुपए से बस स्टॉप बनाए जा रहे हैं।

मिलेगा सुहाना सफर......

  • -हर बस स्टॉप 500 मीटर की दूरी पर
  • -18-19किमी की रफ्तार होगी बसो
  • -एसी बसे चलेगी, जिसमें सभी अत्याध्ुानिक सुविधा होगी
  • -15 जंक्शन बनेंगे
  • -हर 4 मिनट में बस पहुंचेगी स्टाप पर
  • -40 बसे कॉरिडोर पर चलेगी
  • -8 बसे फिडर रोड के लिए(केट-तेजाजी नगर-पंचवटी)
  • -21 बस स्टाप



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