न्यूज एक्सपोज, इंदौर।
इंदौर-उज्जैन मार्ग स्थित पंथ पिपलाई ग्राम में माता पूजन के लिए 1500 बकरो की बलि 28 मई को दी जानी थी। इस गांब यह आयोजन खुशहाली के लिए होना था। लेकिन जीव जन्तु प्रेमी संस्था करूणा इंटरनेशनल के आगे आने के बाद नीलगंगा थाना प्रभारी ने कार्रवाई करते हुए सरपंच को विश्वास में लेकर घर-घर होने वाली बिली प्रथा को खत्म किया। संस्था के डॉ. सुधीर खेतावत ने बताया कि हमने जानकारी मिली थी कि यहां हर घर में 28 मई को बकरे की बलि दी जानी है। इसके लिए 1500 बकरे भी बुलाएं जा रहे थे। इस मामले में हमने सबसे पहले उज्जैन आईजी उपेंद्र जैन से संपर्क किया व उन्हें मामले की पूरी जानकारी दी। उन्हें हमने बताया कि प्राणियों की बलि देना मप्र पशु पक्षी सेक्रीफाइज एक्ट 1979 और आईपीसी की धारा 428 व 429 के तहत एक संघेय दंडनीय अपराध है और इस प्रकार की बलि प्रथा पर मप्र उच्च न्यायालय ने भी अपने 13.02.2002 के पारित आदेश में बलि प्रथा का पूर्णत प्रतिबंधित किया है।
नीलगंगा थाना के प्रभारी अजय जैन व सहायक थानेदार एसआर चौहान ने कार्रवाई कर गांव के सरपंच गुलाब सिंह से बात बलि प्रथा को बंद करने का आव्हान किया। जिस पर सभी गांव वाले मान भी गए।
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