न्यूज एक्सपोज, इंदौर
सर्कस में हो रहे प्राणियों पर अत्याचार को रोकने के लिए शुक्रवार को मालवा मिल स्थित रॉयल सर्कस के बाहर अनोखा व भावुक प्रदर्शन हुआ। यहां पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट आॅफ एनिमल (पीटा) और करूणा इंटरनेशनल के सदस्यों ने बच्चे को हाथी की लिबास पहना कर जंजीरो में जकड़ा हुआ दिखाया। इतना ही नहीं सदस्यों ने लोगों से अपील भी की कि सर्कस में तमाशे जकर प्राणियों पर हो रहे अत्याचार में भागीदार न बने। पीटा के सदस्यों ने आरोप है लगाया है कि सर्कस में हाथियों और अन्य जानवरों को बेदर्दी से मार-पीट कर जबरदस्ती करतब दिखाने के लिए मजबूर किया जाता है। इधर सर्कस के संचालक प्राणियों पर किए जाने वाले अत्याचार की बात का झूठ बताया।
पीटा के अनुसार सर्कस में प्राणियों को जमकर प्रताड़ित किया जाता है। जीवनभर पिजंरों में बंद रहने से यह प्राणी अपना वास्तविक व्यवहार भूलते जा रहे हैं। हमने यहां सदस्यों के साथ प्रदर्शन कर प्राणियों को सर्कस में स्टंट दिखाने पर रोक लगाने की मांग की है। यहां एक बालक को हाथी का ट्रेसअप पहनाकर जंजीरों में बंधा दिखाया गया था। सर्कस के बाहर नन्हें बच्चों ने संदेश दिया कि सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगा तो ये जानवर एक दिन सिर्फ किताबों में ही दिखेंगे।
करूणा इंटरनेशनल के डॉ. सुधीर खेतावत का कहना है कि हाथियों के साथ सर्कस में जिस तरह व्यवहार किया जाता है वह बहुत दयनीय है। यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। मुम्बई से आई पीटा की सदस्य चानी सिंह का कहना है कि जानवरों को उनकी आवश्यक, स्वभाविक और जरूरी चीजों से वंचित रखा जाता है। साथ ही उन्हें जंजीरों में जकड़कर और मार-पीट कर करतब दिखाने के लिए मजबूर किया जाता है।
इधर रॉयल सर्कस के मैनेजर एम प्रभाकर का कहना है कि सर्कस में प्रयोग मे लिए जाने वाले सभी जानवर उनके परिवार का हिस्सा है। सर्कस में भारत सरकार के सभी प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक जानवर के सभी कानूनी कागज उनके पास मौजूद है।
सर्कस में हो रहे प्राणियों पर अत्याचार को रोकने के लिए शुक्रवार को मालवा मिल स्थित रॉयल सर्कस के बाहर अनोखा व भावुक प्रदर्शन हुआ। यहां पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट आॅफ एनिमल (पीटा) और करूणा इंटरनेशनल के सदस्यों ने बच्चे को हाथी की लिबास पहना कर जंजीरो में जकड़ा हुआ दिखाया। इतना ही नहीं सदस्यों ने लोगों से अपील भी की कि सर्कस में तमाशे जकर प्राणियों पर हो रहे अत्याचार में भागीदार न बने। पीटा के सदस्यों ने आरोप है लगाया है कि सर्कस में हाथियों और अन्य जानवरों को बेदर्दी से मार-पीट कर जबरदस्ती करतब दिखाने के लिए मजबूर किया जाता है। इधर सर्कस के संचालक प्राणियों पर किए जाने वाले अत्याचार की बात का झूठ बताया।
पीटा के अनुसार सर्कस में प्राणियों को जमकर प्रताड़ित किया जाता है। जीवनभर पिजंरों में बंद रहने से यह प्राणी अपना वास्तविक व्यवहार भूलते जा रहे हैं। हमने यहां सदस्यों के साथ प्रदर्शन कर प्राणियों को सर्कस में स्टंट दिखाने पर रोक लगाने की मांग की है। यहां एक बालक को हाथी का ट्रेसअप पहनाकर जंजीरों में बंधा दिखाया गया था। सर्कस के बाहर नन्हें बच्चों ने संदेश दिया कि सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगा तो ये जानवर एक दिन सिर्फ किताबों में ही दिखेंगे।
करूणा इंटरनेशनल के डॉ. सुधीर खेतावत का कहना है कि हाथियों के साथ सर्कस में जिस तरह व्यवहार किया जाता है वह बहुत दयनीय है। यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। मुम्बई से आई पीटा की सदस्य चानी सिंह का कहना है कि जानवरों को उनकी आवश्यक, स्वभाविक और जरूरी चीजों से वंचित रखा जाता है। साथ ही उन्हें जंजीरों में जकड़कर और मार-पीट कर करतब दिखाने के लिए मजबूर किया जाता है।
इधर रॉयल सर्कस के मैनेजर एम प्रभाकर का कहना है कि सर्कस में प्रयोग मे लिए जाने वाले सभी जानवर उनके परिवार का हिस्सा है। सर्कस में भारत सरकार के सभी प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक जानवर के सभी कानूनी कागज उनके पास मौजूद है।
No comments:
Post a Comment