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Friday 1 June 2012

रेलवे विज्ञापन घोटाले मे ४ निलंबित



न्यूज़ एक्सपोज , इंदौर 


इंदौर   रेलवे स्टेशन पर विज्ञापन घोटाल खबरों  को  न्यूज़  प्रमुखता से छापा उर रतलाम मंडल के वरिस्थ अधिकारियो  का ध्यान आकर्षण किया था की स्टेशन पर अधिकारियो की मिली भगत से न सिर्फ सालो से रेलवे परिसर में अविध होर्डिंग लगे हाय बल्कि जो होर्डिंग नियमो के अनुसार बताये जा रहे हाय उसमे भी सजे का घपला बड़े जोरो पर किया जा रहा हाय और रेलवे को लाखो का नुक्सान पहुचाया जा रहा है.इस मामले में जांच के दोरान दोषी पाए जाने पर ४ अदिकरियो को निलंबित किया गया है ..


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इंदौर स्टेशन  पर १९९५ से लगे होर्डिंग कई तो अविध रूप से लगाये गए तो कई होर्डिंग में साईज में जमकर घपला किया गया . ये sab  बरसो से चलता रहा . बरसो बाद अधिकारी जगे और  जाकर रतलाम मंडल के अदिकरोयो से ४ सदस्या जांच दल  बनाया और इंदौर सहित कई स्टेशन के विज्ञापनों की जाँच  करवाई गयी ... जांच में दोषी  पाए जाने पर मंडल ने ४ अदिकरियो को प्रथम द्रस्तिया दोषी पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है .जिसमे ३ इंदौर में सी ऍम आई रहा चुके है, जिसमे योगेश पटेल , पी पी शुक्ला, और चन्द्र शेखर शर्मा  जिनके कार्य काल में यहाँ घोटाला  हुआ, वाही एक रतलाम का वैभव उपद्याय  कामर्सियल इंस्पेक्टर को भी निलंबित किया गया है . 



विजिलेंस कीईई छपे भी पड़े 


पिछले दिनों  रतलाम से विजिलेंस के एक अफसर ने इंदौर आकर सीएमआई, डिप्टी एसएस व एक अन्य से पूछताछ की। दिनकार चली पूछताछ के बाद वह शाम को वापस रवाना हो गया। अब उसमेंभी घोटाले के अन्य तथ्य उजागर होंगे। अवैध होर्डिंग और कम कीमत में बड़े आकार के स्टेशन या परिसर में लगे होर्डिंगों का मामला अब तूल पकड़ रहा है। इसकी जांच जहां एक ओर रेलवे के चार वरिष्ठ अफसरों की कमेटी कर रही है तो दूसरी ओर इसमें विजिलेंस की टीम ने भी कारर्वाई शुरु की। इसी कड़ी में सोमवार को रतलाम से विजिलेंस के वीके मकवाना इंदौर आए। यहां वे सीधे सीएमआई पीपी शुक्ला, डिप्टी एसएस चंद्रशेखर शर्मा  और आरसी जैन के कार्यालय पहुंचे। यहां दिनकार तीनों अफसरों से अवैध होर्डिंग मामले में पूछताछ चलती रही। साथ ही उन्होंने फाइलें भीखंगाला गया . गौरतलब है कि पिछले वर्ष अवैध होर्डिंग के मामले में ही सीएमआई चंद्रशेखर शर्मा  ने सीनियर डीसीएम को एक पत्र लिखकर विज्ञापनों के होर्डिंग लगाने को लेकर हुई अनियमितता की जानकारी दी थी। साथ ही आगे की कारर्वाई के लिए मार्गदर्शन भी चाहा था, लेकिन मार्गदर्शन के इंतजार में मामला लंबे समय तक अटका रहा 

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