न्यूज एक्सपोज, इंदौर।
तकरीबन आठ माह पहले सेंधवा अग्निकांड के बाद तत्कालीन आरटीओ आरआर त्रिपाठी को तुरंत इंदौर से हटा दिया गया और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रशासनीक अधिकारी पवन जैन को इंदौर आरटीओ बनाया गया था। लेकिन महज आठ माह के अंदर अपनी जल्दबाजी रूपी नीतियों को लेकर आरटीओ जैन का तबादला हो गया है।
विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खण्डवा में पदस्थ आरटीओ संजय सोनी का तबादला करते हुए उन्हें इंदौर आरटीओ का पद सौंपा गया है। जैन के तबादले को लेकर बताया जा रहा है कि शुरू से ही उच्च अधिकारियों से तालमेल नहीं बैठने के कारण तबादला हुआ है। वहीं दूसरी ओर पहली बार किसी आरटीओ ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले एवजीओ व एजेंटों को आरटीओ से बाहर खदेड़ा था, जोकि जैन के तबादले का अहम कारण माना जा रहा है।
तकरीबन आठ माह पहले सेंधवा अग्निकांड के बाद तत्कालीन आरटीओ आरआर त्रिपाठी को तुरंत इंदौर से हटा दिया गया और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रशासनीक अधिकारी पवन जैन को इंदौर आरटीओ बनाया गया था। लेकिन महज आठ माह के अंदर अपनी जल्दबाजी रूपी नीतियों को लेकर आरटीओ जैन का तबादला हो गया है।
विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खण्डवा में पदस्थ आरटीओ संजय सोनी का तबादला करते हुए उन्हें इंदौर आरटीओ का पद सौंपा गया है। जैन के तबादले को लेकर बताया जा रहा है कि शुरू से ही उच्च अधिकारियों से तालमेल नहीं बैठने के कारण तबादला हुआ है। वहीं दूसरी ओर पहली बार किसी आरटीओ ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले एवजीओ व एजेंटों को आरटीओ से बाहर खदेड़ा था, जोकि जैन के तबादले का अहम कारण माना जा रहा है।
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