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Friday 15 June 2012

18,768 करोड़ रुपए से आकार लेगा यातायात प्लान

  न्यूज एक्सपोज, इंदौर।
शहर के यातायात का भविष्य देखते हुए  राइट्स ने कॉम्प्रेंसिव मोबिलिटी प्लान 2031 तैयार किया है। शुक्रवार को रविंद्र नाट्यगृह में आमजन के लिए इस प्लान को दिखाया गया। प्लान का पूरा होने से पहले अब विवादों में घिर आया है। इस प्लान के सच होने में 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा, जिसमें 30 फीसदी करीब 5 हजार करोड़ से अधिक राशि निगम को एकत्र करनी होगी, जो ढेड़ी खीर नजर आ रही है। शहर का प्लान समझने के लिए शहर की 1 फीसदी जनता भी नहीं आई, बमुश्किल यहां करीब 70 लोग एकत्र हो हुए, जिसमें से अधिकांश विभिन्न विभागों के कर्मचारी अधिकारी थे। प्लान में पुराने शहर के लिए कुछ ज्यादा नहीं है। प्लान में पैदल यात्रियों और लोक परिवहन को अधिक प्राथमिकता दी गई है।  
मेसर्स राईटस इंडिया लिमिटेड द्वारा अक्टूबर 2010 से शहर के यातायात को ध्यान में रखते हुए 2031 की स्थिति की ध्यान में रखते हुवे प्लान तैयार किया गया है, जिसमें चौराहो के विकास, रिंगरोड, सर्विस रोड, एप्रोच रोड, पैदल चलने वाले हेतु फुटपाथ, सडको को वन-वे करना, कॉरिडोर, अतिक्रमण, यातायात के साधनो आदि को दृष्टिगत रखते हुवे, आदि को मास्टर प्लान व जनसंख्या के आधार पर कॉम्प्रेसिव्ह मोबिलिटी प्लान तैयार किया गया। इस प्लान को कुल 8 चरणों में पूरा किया गया। मेसर्स राईटस की सुजाता सावंत ने प्रेजेंटेंशन दिया।
जनकार्य प्रभारी श्री जवाहर मंगवानी ने बताया कि नगर पालिक निगम, इन्दौर द्वारा जेएनएनयूआरएम योजना के अंतर्गत शहर में यातायात व्यवस्था हेतु सुनियोजित प्रबंधन के लिये कॉम्प्रेसिव्ह मोबिलिटी प्लान मेसर्स राईटस इंडिया लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया, कॉम्प्रेसिव्ह मोबिलिटी प्लान की अंतिम रिपोर्ट पर स्टेक होल्डर्स के समक्ष शुक्रवार को रविन्द्र नाटय गृह में प्रेजेंटैशन प्रस्तुत किया गया।

प्लान पर उठाए सवाल...
पे्रजेंटेशन के दौरान समाजसेवी किशोर कोडवानी ने कहा कि प्लान बनाते समय जो आकड़े उपयोग में लाए गए है, वहीं गलत है। प्लान तैयार होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि 30 फीसदी हिस्सा नगर निगम कहा से लाएगी, क्योंकि नगर का सालाना राजस्व महज करोड़ो रूपए ही है। इसके अलावा फ्लाय ओवर यातायात दबाव को करने के लिए बेहतर नहीं है। हम फ्लायओवर का विरोध करते हैं। पार्षद कैलाश यादव ने कहा कि पुराने शहर के व्यवस्थम क्षेत्र को लेकर कुछ भी नहीं है। गंगवाल बस स्टेंड से सरवटे बस स्टेंड तक सीधे सड़क बनाई जा सकती है, जो कि जवाहर मार्ग का विकल्प भी हो जाएगी। राजबाड़ा क्षेत्र में कई बाजार होने के कारण यहां यातायात दबाव बना रहता है, इसे ठीक करने का प्लान में कहीं जिक्र नहीं है।
चालक बन जाते है जाहिल....
पेजेंटेशन के अंत में यातायात डीएसपी एमके जैन ने कहा कि हमारे लोग जब किसी मॉल में जाते है तो जेंटलमेंन बन जाते हैं। सभी को मैनंर्स याद रहते हैं, लेकिन सड़क पर आते ही जाहिल हो जाते हैं। प्लान तो बेहतर पर सबसे पहले जनता को ही जागरूक करना होगा। 1962 में पहला सिंग्नल लगा था। वर्तमान में 14 लाख वाहन और 23 लाख जनसंख्या हो गई है।
रीगल से हटानी होगी गांधी प्रतिमा...
 प्रेजेंटेशन में बताया कि 40 जंक्शन बनाए गए है, जिनमें 9 एरिया जंक्शन ट्राफिक प्लान बनाएं गए है। रीगल चौराहे पर वर्तमान में आरएनटी, पलासिया से आने वाला यातायात, रीगल सिनेमा की ओर से रेलवे स्टेशन की ओर से यातायात आ जाता है। इसके साथ शास्त्री ब्रिज से जैसे ही नीचे उतरों को सिटी बस का स्टॉप है। इन कारणों से यहां अक्सर यातायात प्रभावित होता है। इसके लिए यहां से रोटरी तोड़कर गांधी प्रतिमा को एसपी आॅफिस में लगाई जा सकती है। सिनेमा वाली सड़क का बंद किया जा सकता है। जेबरा क्रासिंग हो। इसी तरह रिंग रोड पर सभी चौराहों पर ही सर्विस रोड़ आकर ख्ुालती है, जिससे चालक अपने विवेक से वाहन क्रास कर लेता है। ऐसा न हो इसलिए बेहतर व्यवस्था होना चाहिए। रेडिशन चौराहे पर रोटरी खत्म कर ट्राफिक सिंग्नल गलाए जाए। सर्विस रोड बंद कर दी जाए। जेबरा क्रासिंग हो, बस स्टॉप बस-वे पर हो तो बेहतर व्यवस्था हो सकती है।  
ताकि लोक परिवहन का उपयोग ज्यादा हो....
प्रजेंटेंशन में बताया कि पूरा प्लान लोक परिवहन को लेकर तैयार किया गया है। वर्तमान में इंदौर शहर में अधिकांश जगह पार्किंग व्यवस्था नहीं है। इसलिए लोग अपनी दुकान या फुटपाथ पर ही वाहन पार्क कर देते है। इसलिए पार्किंग प्लान भी तैयार किया गया है। 12 स्थानों पर विजय नगर, बंगाली जक्ंशन, मधुमिलन, इंदौर रेलवे स्टेशन, महू नाका, राज मोहल्ला, मरी माता, नवलखा, मालवा मिल, बड़ा गणपति, एमटीएच कंपाउंड और भंवर कुआ चिंन्हित किए गए है। यहां मल्टीलेवल पार्किंग बनाए जाए। पार्किंग चार्जेस भी अधिक हो, इसलिए वाहनों के हिसाब और घंटे के अनुसार 5 रुपए से 25 रुपए तक चार्ज किए जाए। 
इन्हें पहले पूरा करें...
सर्वे में 8 रुट््स ऐसे चिन्हित किए गए जिन्हें पूरा कर लिया जाए तो चालक आसानी से और कम समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच जाए। जिमें कलेक्टर आॅफिस से किला मैदान रोड दूरी 5.9 किमी, उज्जैन रोड से रूप नगर दूरी 6.6 किमी, चंदन नगर से एयरपोर्ट दूरी 1.9 किमी, रिंग रोड से केशर बाग रोड दूरी 1.1 किमी सहित   अन्य तीन मार्ग पर छोटे-छोटे टुकड़े पूरे कर दिए जाते तो यह दूरी आसानी से पूरी की जा सकती है। वर्तमान में चालकों को बीच में अन्य मार्ग से होते हुए जाना पड़ता है।

कोर एरिया ट्राफिक  मैनेंजमेंट प्लान...
 पुराने शहर को लेकर कोर एरिया ट्राफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया है। जिसमें कुल तीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे। जिसमें एमजी रोड, जवाहर मार्ग और सुभाष मार्ग होगा। यहां आईपीटी(इंटरमिडिएट पब्लिक ट्रांसपोर्ट) के तहत लोक परिहन चलेंगे। जिसमें टाटा मैजिक, टेंपो आदि होंगे। इनके लिए चार  टर्मिनल फुटी कोठी, भंडारी मिल,  के पास होंगे। वर्तमानम में यहां टू लेन सड़क है, जिसमें से भी अधिकांश हिस्से में वाहन पार्क रहते हैं। इसलिए यहां महंगा पार्किंग चार्ज लगाए जाए ताकि अधिक अधिक लोग लोक परिवहन का उपयोग करे। इस प्लान में रिंग रोड को भी शामिल किया गया है।
इन रुट्स पर चलेगी....
भंडारी मिल- राजकुमार ब्रिज, देवी अहिल्या मार्ग, सुभाष मार्ग, बड़ा गणपति, एमजी रोड, शास्त्री ब्रिज, राजकुमार ब्रिज, भंडारी मिल।
फुटी कोठी- महूनाका, कलेक्टोरेट, गाड़ी अड्डा, सरवटे बस स्टेंड टर्मिनल, पटेल ब्रिज, जवाहर मार्ग, सुभाष मार्ग, गंगवाल, महू नाका।
-भंडारी मिल- राजकुमार ब्रिज, शास्त्री ब्रिज, पटेल ब्रिज, जवाहर मार्ग, सुभाष मार्ग, देवी अहिल्या मार्ग, राजकुमार ब्रिज, भंडारी मिल।
फुटी कोठी- महूनाका, धार रोड, गंगवाल, बड़ा गणपति, एमजी रोड, शास्त्री ब्रिज, इंदौर जक्शन, सरवटे बस टर्मिनल, गाड़ी अड्डा, कलेक्टोरेड, महू नाका।
 बाक्स...
यह होंगे वन वे....
एमजी रोड- बड़ा गणपति से गांधी हॉल
कैलाश मार्ग- एसके अस्पताल से बियाबानी रोड
हुकुमचंद मार्ग- बियाबानी से धार रोड
बियाबानी रोड- सुभाष मार्ग से जवाहर मार्ग
धार रोड- जवाहर मार्ग से सुभाष मार्ग
एसएच 27- सुभाष मार्ग से जवाहर मार्ग
छत्री रोड- छत्री से सराफा
एमटीएच रोड- गांधी हॉल से संजय सेतु
बाक्स...
एक नजर...
  • हर साल 10 फीसदी वाहन बढ़ रहे हैं
  • हर साल जनसंख्या में 3.4 फीसदी इजाफा हो रहा है
  • शहर में 82 फीसदी वाहन निजी
  • 2001 में 2617 दुर्घटनाएं, 2010 में 3473 हो गई, 3.2 फीसदी की वृद्धि
  • वर्तमान में 23 लाख जनसंख्या जो 2021 तक 28 लाख हो जाएगी
  • सड़कों की हालत खस्ताहाल
  • जनता यातयात नियमों के प्रति जागरूक नहीं
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिमित रूट्स पर ही
  • झेबरा क्रासिंग कुछ ही चौराहों पर
  • पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं
  • रोटरी जरूरत से अधिक बड़ी
  • पैदल चलने वालें 26 फीसदी पर बेहतर व्यवस्था नहीं



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