न्यूज़ एक्सपोज, इंदौर
बी जे पी के प्रदेश अध्यक्ष के सम्पादकीय ने बवाल मचा दिया है , और अब खुद ही प्रभात झा सफाई देते नजर आ रहे है . . . झा ने कहा की सम्पादकीय में ना किसी पर आरोप है ना किसी पर लालचन यहाँ एक पार्टी के कार्यकर्ता का भाव है क्योकि देश आज बी जे पी की और देख रहा है ......न्यूज़ एक्सपोज से विशेष चर्चा में बी जे पी प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने बताया की यहाँ एक कार्यकर्ता की भावना हाय जो व्यक्त की गयी है
देखिये बवाल मचने का कोई कारण नहीं है ,,, कोइ भी संगठन निति और सिद्धांत पर चलते है .और निति सिद्धांत के प्रति समर्पण होना चहिये ...हमने जो सम्पादकीय लिखी है वर्तमान राजनीती परिद्रस्य में बी जे पी की और देश देख है. और जब देश ढेक रहा है तो हमारा नेतिक दायित्व बनता है की hamse कोई एससी बात ना हो की देश के मन में देश के लोगो के मन में हमारे बारे में कोई गलत धरना पैदा हो .,. और संघठन सर्वोपरि है ,संघठन के हित में सुब बात होना चहिये छोटी मोटी बातो में नहीं उलझना चहिये यहाँ लिखने का मात्र प्रयत्न किया है लेकिन होता है जैसे संदर्भ जोड़ते है .. मैंने विचार मिस्र के भाव को रख कर संघठन को सर्वोपरि रखते हुए अपने आत्मीय भाव से लिखा है ना किसी पर लालचन ,का किसी पर कोई आरोप.. आप उस सम्पादकीय की एक एक शब्द पड़ लीजिये आपको लगेगा की पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अपने संघटन कीआज की आवश्यकता के बारे में लिखा है ............
श्री झा के पार्टी ने चल रहे उथल पुथल पर नाराजगी है इस बात पर उन्होंने कहा . मेरे नाराज होने से क्या hoga में तो पार्टी का एक कार्यकर्ता हु , मेरी नाराजी से क्या होगा में नाराज होकर भी काम करुगा और प्रसन्ना होकर भी यही काम करुगा और में प्रसान्ना होकर ही राजनीती में १६ साल का था तब से काम कर रहा हु .......
..... लोग इतर्प्रिटेशन निकाल लेते है . हमने किस भाव से निकालते है में बता रहा हु में किसी को रोक नहीं सकता हु .... संघठन उत्सव है संघठन माँ है उसकी वात्सल्यता और एस्नेहा से हम नेता बनते है वहा कलश बनती है और हम कलश बनकर कोलाहल ना करे अब लोग अनेक अर्थ निकलते है ....मैंने तो एक आत्मीय और संघठन के भाव से निति और सिद्धांत के भाव से लिखा था
मुख्या मंत्री पर इस संपादकीय में तिपानी की गयी है इस पर वे बोले की . .संभव ही नहीं है मेरे नेता है वो सबसे सफलतम मुख्या मंत्री है वो अमेरिका से लेकर सुब जगह उनकी गूंज है वो हमारी पार्टी के मुकुट है मणि है में कैसे उनके बारे में लिख सकता हु .. यहाँ सोच ही गलत है यहाँ सबके संदर्भ में लिखा गया है किसी व्यक्ति के बारे में नहीं लिखह है पूरा देश आज भा जा प् की और देख रहा है तो भा जा प् को संभलना होगा ...
.आडवानी की मेरे नेता है सर्वश्रेस्थ नेता है, सबसे बड़े नेता है उनका एक एक वाकया मेरे लिये पर्ठेया ही में उनकी किसी बात पर कोई तिपानी नहीं कर सकता हु
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