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Monday 11 June 2012

राऊ हादसे के बाद भी ओवरलोडिंग और ओवरटेकिग अभी भी जारी !

न्यूज एक्सपोज, इंदौर(गोविंदा गुप्ता)
कुछ दिनों पूर्व राऊ में दो महू पीथमपुर उपनगरीय बसों की प्रतिस्पर्धा के चलते एबी रोड के किनारे बगीचे में क्रिकेट खेल रहे बच्चों में से एक को रोड की दूसरी छोर पर गई गेंद लाते समय राऊ बस स्टैंड पर उपनगरीय बस ने रौंद दिया। ओवरटेकिंग कर रही बस की गति इतनी तेज थी कि मासूम विशाल (१२) उसमें बुरी तरह से पीस गया। आक्रोशित भीड़ ने बस में तोडफ़ोड़ कर उसमें आग लगा दी। भीड़ का गुस्सा यहां भी शांत नहीं हुआ। उसने तेज गति से निकली एक अन्य बस में भी आग लगा दी थी ! जल्दी से स्टॉप पर पहुंचकर सवारी बैठाने के लिए बस ड्राइवरों में आगे निकलने की होड़ लगी रहती है। यह अंधाधुंध गति ही मुसाफिरों के साथ बस स्टाफ के लिए खतरनाक साबित होती है और हादसे होते रहते हैं।
राऊ हादसे के बाद फळड ने निर्देश दिए थे की गाड़ी सही तरीके से चलाई जाए और जरुरत से ज्यादा सवारी न भरी जाए किन्तु इस बसों के  ड्राइवरों  की आखो में सिर्फ रूपया होता हे और वे पशुओ की तरह सवारी भर लेते हेऔर साथ ही  इस बस संचालको की जहा मर्जी आती हे वहा रोक कर सवारी भने में लगे रहते हे !  वत्तर्मान में भी उक्त हादसे से सुध न लेते हुई इनकी सारी गतिविधिया वेसी ही हे जेसी पहले थीे
 नहीं है कोई भी सहायक उपकरण
 इन बसों में सुरक्षा के कोई संसाधन मौजूद नहीं रहते और न ही इन बसों का फिटनेस ठीक ढंगसे होता है। नियमानुसार बसों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा बॉक्स और साथ ही अग्नि शमन यन्त्र रहना अनिवार्य हे किन्तु इस बसों में कोई भी उपकरण मोजूद नहीं है। इस विषय पर चर्चा के लिए हमारे संवाददाता ने आरटीओ संजय सोनी से बात तो उन्होंने बताया कि हम लोग उस पर जल्द ही कायर्वाही करने जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि कुछ समय पहले बिना अपनी पहचान बताये आरटीओ  सोनी ने बसों में यात्री बन कर सवारी करी और वस्तुस्थिति जान कर तत्काल कायर्वाही करी! जब सोनी बस में सवार होते तभी से उनका अमला एडिशनल आरटीओ सुनील तिवारी, आरटीआइ राजेंद्र पाटीदार और  अन्य बस के पीछे चलकर श्री सोनी के आदेश का इंतजार करते रहे। इस तरह की जमीनी कायर्वाही से यात्रियों में यहाँ उम्मीद हे की जल्द ही ओवरलोडिंग और ओवरटेकिग की समस्या हल हो जाएगी!
कुछ इनकी भी सुनो...
इंदौर से महू और राऊ के लिए कोई भी सिटी बस नहीं चलती इसे में हमें मजबूरन इन बसों में न चाहते हुए भी बैठना पड़ता हे कई बार असामाजिक तत्वों के कारण अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता हे ! जब ये बसे एक दुसरे को ओवर टेक करते हे तो जो लोग खड़े होते हे उनकी जान हाथ में आ जाती हे ! क्या करे मज़बूरी हे !
एकता राही, छात्रा आई पी एस अकादमी
बस में आए दिन चालक, परीचालक की दादागिरी ज़ेलनी पड़ती हे, पिक्डम्बर से राजेंद्र नगर आने के सात रूपये लेते हे और सीट खाली होने पर भी यहाँ कहा जाता हे की सीट पर बैठना हो तो दस रूपये लगेगे! इनके लिए कुछ विशेष नियम और कायदे कानून बनाकर शक्ति से पालन करवाना चाहिए ! नविन फळड श्री संजय सोनी की कायर्शेली से लगता हे की जल्द ही सभी समस्याओ से निज़ात पाया जा सकेगा!
कोकिल जैन छात्र संघवी इंस्टिट्यूट आॅफ़ मैनेजमेंट & साइंस
कंडेक्टर और किलिनर आये दिन दादागिरी करते हे और महिलाओ व् बड़े बुजुर्गो को भी अपशब्द और गालिया देते हे! साथ ही मनमर्जी से किराया वसूलते हे
मनोज भावसार  यात्री

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