न्यज एक्सपोज, इंदौर
इंदौर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है स्टेशन पर ना मेटल डिटेक्टर काम करते है ना पुलिस के जवान मौजूद रहते है और तो और स्टेशन परिक्षेत्र में लगे कुल 23 कैमरे है वह भी किसी काम के नहीं कुछ भी साफ नहीं दिखाई देते । इनमें से कुछ बेहतर तस्वीर नहीं दे पा रहे तो कुछ में रिकार्डिंग बंद पड़ी है। ऐसा ही हाल रेलवे स्टेशन के दोनो प्रवेश द्वार पर लगे मेटल डिटेक्टर का है।
शहर में बढते अपराधों को नियंत्रित करने के लिए उन्नत तकनिकी का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में इंदौर का रेलवे के इस्तेमाल से दिन ब दिन दूर होता जा रहा है। इसका हालिया उदाहरण इसी सप्ताह हुए विजिलेंस अधिकारियों के दौरे में मिला। विजिलेंस अधिकारी रिजर्वेशन आॅफिस में दौरा करने गए ,उस दौरान उन्हे वहां लगे 13 कैमरों से एक भी रिकार्डिंग प्राप्त नहीं हो सकी। इसी प्रकार गत दिनों स्टेशन पर हुई गहनों की चोरी का पता काी वीडियों फुटेज से नहीं चल पाया।
इंदौर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है स्टेशन पर ना मेटल डिटेक्टर काम करते है ना पुलिस के जवान मौजूद रहते है और तो और स्टेशन परिक्षेत्र में लगे कुल 23 कैमरे है वह भी किसी काम के नहीं कुछ भी साफ नहीं दिखाई देते । इनमें से कुछ बेहतर तस्वीर नहीं दे पा रहे तो कुछ में रिकार्डिंग बंद पड़ी है। ऐसा ही हाल रेलवे स्टेशन के दोनो प्रवेश द्वार पर लगे मेटल डिटेक्टर का है।
शहर में बढते अपराधों को नियंत्रित करने के लिए उन्नत तकनिकी का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में इंदौर का रेलवे के इस्तेमाल से दिन ब दिन दूर होता जा रहा है। इसका हालिया उदाहरण इसी सप्ताह हुए विजिलेंस अधिकारियों के दौरे में मिला। विजिलेंस अधिकारी रिजर्वेशन आॅफिस में दौरा करने गए ,उस दौरान उन्हे वहां लगे 13 कैमरों से एक भी रिकार्डिंग प्राप्त नहीं हो सकी। इसी प्रकार गत दिनों स्टेशन पर हुई गहनों की चोरी का पता काी वीडियों फुटेज से नहीं चल पाया।
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