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Sunday, 13 May 2012

पीना है तो मंहगी भी चलेगी

न्यूज एक्सपोज, इंदौर
खाने पीने की आम वस्तुओं से लेकर पेट्रोल डीजल के भावों में वृद्धि को लेकर भले ही राष्ट्रीय स्तर पर कोहराम मच रहा है मगर पीने के शौकीनों को इससे क्या? जब पीना है तो फिर रेट की क्या चिंता? शराब से लेकर बीयर तक के भावों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है मगर इंदौर में इसकी खपत कम होने की बजाय ढाई गुना तक बढ़ गई है। इसमें सिर्फ देशी शराब की खपत में अपेक्षाकृत कम वृद्धि हुई है।
 तमाम जन विरोध को दरकिनार करते हुए प्रदेश सरकार ने मात्र दो वर्षों में इस जिले को क्रमश: 17 और 20 नई देशी- विदेशी शराब की दुकानों की सौगात दी है। मौजूदा वर्ष में जिले में कुल 180 दुकानें संचालित हो रही हैं। बीते पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो देशी, विदेशी शराब के साथ ही बीयर के भावों में लगातार वृद्धि हुई, मगर इंदौर में इसकी खपत कम होने के बजाय उसी तेजी से बढ़ी।
35 से 50 फीसदी बढ़ गए भाव
शराब के भावों पर नजर डालें तो सूत्रों के अनुसार प्रतिस्पर्धा के चलते हर ठेकेदार द्वारा अपनी दुकान पर अलग- अलग भाव रखे जाते हैं। मोटे तौर पर जहां देशी शराब और विदेशी की चीप रेंज की बोतल वर्ष 05-06 में बोतल 120, अद्दा 60 और क्वार्टर 30 रुपए में मिलता था वह बढ़कर अब क्रमश: 160, 80 और 40 रुपए हो गया है। हाई रेंज में न्यूनतम 400 रुपए वाली बोतल के उस समय के भाव अब लगभग 600 रुपए तक हो गए हंै। इसी अनुपात में अन्य महंगी ब्रांड के भाव बढ़े। ऐसे ही पांच साल पहले बीयर की बोतल लगभग 50 से 60 रुपए की थी, वहीं अब लगभग 80 से 95 रुपए तक की आती है।
होस्टलर्स ने बढ़ाई खपत
शराब व्यवसाय से जुड़े सूत्रों की मानें तो इंदौर में शराब की खपत इतनी तेजी से बढ़ने का कारण यहां पर बाहर से आकर होस्टल में रहने वालों की संख्या में हो रहा इजाफा है। इन पर अभिभावकों का सीधा नियंत्रण न होने के कारण ये खुलकर शराबखोरी कर रहे हैं।  महिलाओं में पीने की लत बढ़ने के कारण बीयर की खपत भी आश्चर्यजनक ढंग से बढ़ रही है।

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