न्यूज एक्सपोज, इंदौर।
शहर के रियल स्टेट क्षेत्र को भूमि विकास नियम के संशोधन नियमों का इंतजार है। सबसे बड़ा फायदा इससे पिछले एक साल से लंबित पड़े 10 में से 7 हाइराईज प्रोजेक्ट को मिलेगा, जिन्हें हाइराइज कमेटी के समक्ष अपने आवेदन अनुमति का रास्ता मिल जाएगा।
नगर तथा ग्राम निवेश (टीएंडसीपी) के पास लंबित शहरी सीमा में आने वाले हाइराईज प्रोजेक्ट की अनुमति प्रदान करने को लेकर नवंबर से अब तक तीन बार बैठकें हो चुकी है, लेकिन निर्णय नहीं हुआ। संभागायुक्त प्रभात पाराशर की अध्यक्षता में होने वाली इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के 18 मीटर से अधिक और 45 मीटर तक ऊंची बिल्डिंगों से जुड़े आवेदन लंबित है। आईडीए की स्कीम-140 की हाइराईज बिल्डिंग के लिए तत्कालीन संभागायुक्त बी.पी. सिंह की अध्यक्षता में एकमात्र आईडीए को ही हरी झंडी मिली थी। टीएंडसीपी अधिकारियों की माने तो फिलहाल भूमि विकास नियम के ड्राफ्ट फाइनल होना बाकी है। यह अंतिम रूप से प्रकाशित हो जाएंगे और उसके बाद आवेदन आए तो हम निर्णय लेंगे।
शहर के रियल स्टेट क्षेत्र को भूमि विकास नियम के संशोधन नियमों का इंतजार है। सबसे बड़ा फायदा इससे पिछले एक साल से लंबित पड़े 10 में से 7 हाइराईज प्रोजेक्ट को मिलेगा, जिन्हें हाइराइज कमेटी के समक्ष अपने आवेदन अनुमति का रास्ता मिल जाएगा।
नगर तथा ग्राम निवेश (टीएंडसीपी) के पास लंबित शहरी सीमा में आने वाले हाइराईज प्रोजेक्ट की अनुमति प्रदान करने को लेकर नवंबर से अब तक तीन बार बैठकें हो चुकी है, लेकिन निर्णय नहीं हुआ। संभागायुक्त प्रभात पाराशर की अध्यक्षता में होने वाली इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के 18 मीटर से अधिक और 45 मीटर तक ऊंची बिल्डिंगों से जुड़े आवेदन लंबित है। आईडीए की स्कीम-140 की हाइराईज बिल्डिंग के लिए तत्कालीन संभागायुक्त बी.पी. सिंह की अध्यक्षता में एकमात्र आईडीए को ही हरी झंडी मिली थी। टीएंडसीपी अधिकारियों की माने तो फिलहाल भूमि विकास नियम के ड्राफ्ट फाइनल होना बाकी है। यह अंतिम रूप से प्रकाशित हो जाएंगे और उसके बाद आवेदन आए तो हम निर्णय लेंगे।
No comments:
Post a Comment