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Wednesday, 9 May 2012

मौसम के रडार को एयरपोर्ट प्रबंधन की हां


न्युज एक्सपोज इंदौर। 
ब मौसम की सही जानकारी के लिए हमें भोपाल के मौसम केंद्र पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। विभाग द्वारा इंदौर में ही सारी व्यवस्थाएं करने की तैयारी की जा रही है। अब जमीन देने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अभी तक इस काम में प्रदेश सरकार ने टांग अड़ा रखी थी। इस कारण अफसरों को इंदौर-भोपाल के बीच चक्कर काटने पड़ रहे थे।
मौसम विभाग के रडार को एयरपोर्ट प्रबंधन की हरी झंडी मिल गई है। इसके लिए जमीन भी देख ली गई है। अब बस उन्हें जमीन सुपुर्द की जानी है। एयरपोर्ट प्रबंधन के दिल्ली  मुख्यालय से जमीन मौसम विभाग को सुपुर्द कि जाने को लेकर हालही में पत्र भी स्थानीय प्रबंधन को मिल गया है।  अनुबंध तैयार होने के बाद मौसम विकााग के अफसरों को जमीन देखने के लिए बुलाया जाएगा और आगे की कारर्वाई की जाएगी। अभी तो मौसम विभाग अपना काम एयर ट्रेफिक कंट्रोल की बिल्डिंग के पास में ही स्थित कार्यालय से चला रहा है।
विमानों को होगी मदद
रडार से विमानों को भी काफी फायदा होगा। अकाी विमानों को इंदौर आने के बाद यहां के मौसम की जानकारी मिलती है और फिर उन्हें उतरने की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण दूसरे शहरों में कोज दिया जाता है, लेकिन रडार लगने के बाद विमान के दूसरे शहरों से इंदौर के लिए उड़ान कारने से पहले ही इंदौर के मौसम की जानकारी रहेगी और गफलत नहीं होगी।
यह होगी सुविधा
रडार के लगने से 350 किलोमीटर की परिधि में चल रही मौसम की पल-पल की गातिविधियों की जानकारी मिल सकेगी, जिसमें यह तक पता चल जाएगा कि किस समय, कितनी, कहां और किस गति से बारिश होगी। विकााग का तीन मंजिला कावन पूरी तरह से हाईटेक उपकरणों से लैस होगा। इसमें कमर्चारियों का कार्यालय, लाईब्रेरी और एक क प्यूटर लैब होगी। रडार सैटेलाइट से जुड़ा होगा और मौसम की जानकारियों के अलावा फोटो काी कोजता रहेगा।

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